Other Quotes & Shayari

Best 150+ Amir Khusrau Shayari in Hindi

Best 150+ Amir Khusrau Shayari in Hindi. amir khusrau Dohe in Hindi, Amir khusrau Poems in Hindi, अमीर खुसरो की प्रसिद्ध कविताएँ, अमीर ख़ुसरो के शेर, and Amir khusrau poetry in Hindi to share with your family and friends.

अमीर ख़ुसरो एक प्रमुख कवि, शायर, गायक और संगीतकार थे। अमीर खुसरो का जन्म सन् 1253 में एटा उत्तर प्रदेश के पटियाली नामक स्थान पर हुआ था। अधिकतर अमीर खुसरो शायरी हिंदी में लिखा करते थे और सबसे ख़ास बात ये थी की अमीर खुसरो उर्दू शायरी में भी खूब हिंदी शब्दों प्रयोग करते थे।

To know more about Amir khusrau, Click Here.

आइए अब यहाँ पर Amir Khusro Famous Poems in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं.

Amir Khusrau Shayari in Hindi

चकवा चकवी दो जने इन मत मारो कोय,
ये मारे करतार के रैन बिछोया होय।

रैन बिना जग दुखी और दुखी चन्द्र बिन रैन,
तुम बिन साजन मैं दुखी और दुखी दरस बिन नैंन।

खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूं पी के संग,
जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग।

ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ
कि ताब-ए-हिज्राँ नदारम ऐ जाँ न लेहू काहे लगाए छतियाँ

संतों की निंदा करे, रखे पर नारी से हेत,
वे नर ऐसे जाऐंगे, जैसे रणरेही का खेत।

श्याम सेत गोरी लिए जनमत भई अनीत,
एक पल में फिर जात है जोगी काके मीत।

साजन ये मत जानियो तोहे बिछड़त मोहे को चैन,
दिया जलत है रात में और जिया जलत बिन रैन।

Amir Khusrau Dohe in Hindi

चूँ शम-ए-सोज़ाँ चूँ ज़र्रा हैराँ ज़े मेहर-ए-आँ-मह बगश्तम आख़िर
न नींद नैनाँ न अंग चैनाँ न आप आवे न भेजे पतियाँ

खुसरो सरीर सराय है क्यों सोवे सुख चैन,
कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन।

शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़ रोज़-ए-वसलत चू उम्र कोताह
सखी पिया को जो मैं न देखूँ तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ

अंगना तो परबत भयो, देहरी भई विदेस,
जा बाबुल घर आपने, मैं चली पिया के देस।

खुसरो मौला के रुठते, पीर के सरने जाय,
कहे खुसरो पीर के रुठते, मौला नहिं होत सहाय।

खुसरो ऐसी पीत कर जैसे हिन्दू जोय,
पूत पराए कारने जल जल कोयला होय।

साजन ये मत जानियो तोहे बिछड़त मोहे को चैन,
दिया जलत है रात में और जिया जलत बिन रैन।

Amir Khusrau Poems in Hindi

आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ,
न मैं देखूँ और न को, न तोहे देखन दूँ।

खुसरो सरीर सराय है क्यों सोवे सुख चैन,
कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन।

रैन बिना जग दुखी और दुखी चन्द्र बिन रैन,
तुम बिन साजन मैं दुखी और दुखी दरस बिन नैंन।

पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव,
मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखन भाव।

आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ,
न मैं देखूँ और न को, न तोहे देखन दूँ,

खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वाकी धार,
जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार।

बन के पंछी भए बावरे,
ऐसी बीन बजाई सांवरे
बन के पंछी भए बावरे,
ऐसी बीन बजाई सांवरे।
तार तार की तान निराली,
झूम रही सब वन की डाली। (डारी)
पनघट की पनिहारी ठाढ़ी,
भूल गई खुसरो पनिया भरन को।

Amir khusrau poetry in Hindi | अमीर खुसरो की प्रसिद्ध कविताएँ

अंगना तो परबत भयो देहरी भई विदेस,
जा बाबुल घर आपने मैं चली पिया के देस।

खुसरवा दर इश्क बाजी कम जि हिन्दू जन माबाश,
कज़ बराए मुर्दा मा सोज़द जान-ए-खेस रा।

नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय,
पी गोरी मैं साँवरी अब किस विध मिलना होय।

खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग,
जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग।

खीर पकाई जतन से, चरखा दिया जलाएं,
आया कुत्ता खा गया, तू बैठी ढोल बजा।

अम्मा मेरे बाबा को भेजो री – कि सावन आया
अम्मा मेरे बाबा को भेजो री – कि सावन आया
बेटी तेरा बाबा तो बूढ़ा री – कि सावन आया
अम्मा मेरे भाई को भेजो री – कि सावन आया
बेटी तेरा भाई तो बाला री – कि सावन आया
अम्मा मेरे मामू को भेजो री – कि सावन आया
बेटी तेरा मामू तो बांका री – कि सावन आया

रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ,
जिसके कपरे रंग दिए सो धन धन वाके भाग।

अपनी छवि बनाई के मैं तो पी के पास गई,
जब छवि देखी पीहू की सो अपनी भूल गई।

अमीर ख़ुसरो के शेर

खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग,
तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग।

उज्जवल बरन अधीन तन एक चित्त दो ध्यान,
देखत में तो साधु है पर निपट पाप की खान।


परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना।
बिर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना।
इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना।
इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।

Read Also: 150+ Best Romantic Love Quotes.

खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय,
वेद, कुरान, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय।

मोरा जोबना नवेलरा भयो है गुलाल।
कैसे घर दीन्हीं बकस मोरी माल।
निजामुद्दीन औलिया को कोई समझाए,
ज्यों-ज्यों मनाऊँ वो तो रुसो ही जाए।
चूडियाँ फूड़ों पलंग पे डारुँ इस चोली को
मैं दूँगी आग लगाए।
सूनी सेज डरावन लागै।
बिरहा अगिन मोहे डस डस जाए।
मोरा जोबना।

गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डारे केस,
चल खुसरो घर आपने, सांझ भयी चहु देस।

आ घिर आई दई मारी घटा कारी।
बन बोलन लागे मोर।
दैया री बन बोलन लागे मोर…

रिम-झिम रिम-झिम बरसन लागी
छाई री चहुँ ओर।
आज बन बोलन लागे मोर…

कोयल बोले डार-डार पर
पपीहा मचाए शोर।
आज बन बोलन मोर…

ऐसे समय साजन
परदेस गए बिरहन छोर।
आज बन बोलन मोर…

We Hope You as this ” Amir Khusrau Shayari in Hindi ” Post. Do share it with your Friends & Family. For More Awesome Quotes & Shayari, Check DeepShayariQuotes Home Page.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *